Panchtantra Story
जंगल हमेशा हरा-भरा और जीवन से भरा रहता था। मोगली, जो भेड़ियों के बीच पला-बढ़ा था, जंगल के हर जीव का दोस्त था। लेकिन एक साल, जंगल में बारिश बंद हो गई। पहले तो किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, जंगल का हर पेड़ और पौधा सूखने लगा। नदी का पानी भी धीरे-धीरे खत्म होने लगा, और जानवरों को पीने के पानी की कमी होने लगी। सूखा पूरे जंगल को अपनी चपेट में ले रहा था।
मोगली को यह देखकर बहुत दुख हुआ। उसने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा दिन आएगा जब जंगल में पानी की इतनी कमी हो जाएगी। जानवरों के बीच अफरा-तफरी मच गई थी। हर कोई अपने लिए पानी ढूंढने में लगा हुआ था, और इस कारण पुराने दुश्मन फिर से आमने-सामने आ रहे थे। शेर और हिरण, जो कभी साथ रहते थे, अब एक-दूसरे से झगड़ने लगे थे।
मोगली ने अपने दोस्तों, बलू और बघीरा से बात की। “हमें कुछ करना होगा। अगर ऐसे ही चलता रहा तो पूरा जंगल नष्ट हो जाएगा,” मोगली ने कहा। बलू ने गहरी साँस ली और कहा, “यह बहुत बड़ी समस्या है, मोगली। हमें इंसानों से भी मदद मांगनी पड़ सकती है।” बघीरा ने सिर हिलाते हुए कहा, “लेकिन जानवर इंसानों पर भरोसा नहीं करते, और इंसान जानवरों पर।”